New Margin क्या है ? जानिए सेबी के नए नियम – पूरी जानकारी

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New Margin क्या है ? यदि आप भी शेयर मार्केट में invest और trade करते हैं तो ऐसे में आपको SEBI के नए नियमों के बारे में जानना बहुत जरुरी है। ताकि आप अपने द्वारा किये हुए invest के risk को कम कर सके। तो आज हम आपको new margin के update के बारे में बताएँगे।

जिससे आपको किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। आज आप इस article में delivery, Intra-day,option & future ट्रेडिंग के साथ-साथ commodity, cash market के लिए new margin rule के बारे में जानेंगे जो एक traders के लिए बहुत ज़रूरी है। तो आईये चलिए जानते है कि – New Margin Rule क्या है ?

New Margin Rule क्या है ?

New Margin Rule, जो stock broker द्वारा अपने clients को trading कराने के लिए provide कराया जाता था, उसे क्रमसः 25%, 50%, 75%, 100% चार चरणों में ख़त्म कर दिया जायेगा। यानी अब client को trade करने के लिए उसे खुद का पैसा अपने demat account में रखना अनिवार्य होगा। अन्यथा वह stock market में trade नहीं कर पायेगा।

अब client को ट्रेड करने के लिए उसे खुद का margin अपने Demat account में रखना पड़ेगा तभी वह trade कर पायेगा। ऐसा कर पाना एक retail trader के लिए भारी चुनौती भरा काम हो सकता है। क्योंकि रिटेल ट्रेडर के लिए पर्याप्त मात्रा में fund जुटाना आसान नहीं होता।

इसे यदि हम आसान भाषा में समझे तो पहले यदि आपके पास 1000 रुपये होते थे तो आपका stock broker आपको trade कराने के लिए 20 गुना margin provide करा देते थे और आप एक 1000 रुपये होते हुए भी 20,000 हजार रुपये तक की trading कर सकते थे।

लेकिन सेबी के New Rule Margin आ जाने से अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि यदि आप trade करना चाहते हैं तो आप जितने शेयर्स में ट्रेड करेंगे तो आपके demat account में उतना fund का होना अनिवार्य है।

Margin क्या है ?

शेयर मार्केट में margin का मतलब उधार होता है। यह margin स्टॉक ब्रोकर द्वारा अपने clients को trading कराने के लिए provide कराया जाता है। ताकि traders ज्यादा संख्या में trade कर पाएं और वह brokers clients से ज्यादा revenue generate कर पाएं।

यह market से 5 गुना, 10 गुना, 20 गुना तक हो सकता है। यह broker पर निर्भर करता है कि – वह कितने गुना तक margin अपने clients को provide करा सकता है।

New Peak Margin Rule For Delivery & Intraday In Hindi

पहले जब सेबी का new peak margin rule नहीं आया था; तब आप पूर्व में ख़रीदे गए किसी भी stock holding को sell करते थे। तो sell किये हुए stocks की जितनी कीमत होती थी वह पूरा amount आपके Demat Account में show हो जाता था।

लेकिन new peak margin rule आ जाने से अब ऐसा नहीं है अब आप अपनी जो भी holding sell करेंगे उसका 80% आपके Demat account में दिखाई देगा। आप उस 80% amount को ही उसी दिन (sameday) इंट्राडे में उपयोग कर पाएंगे बाकी का 20% amount अगले दिन आपके demat accont में show होगा।

लेकिन अब Intra-day trading के लिए stock Broker द्वारा आपको 1 सितंबर से किसी भी प्रकार से मार्जिन provide (उपलब्ध) नहीं करायी जाएगी। अब आपको Intra-Day में ट्रेडिंग करने के लिए अपने Demat account में पूरा Fund रखना होगा। तभी आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर पाएंगे।

लेकिन यदि आप उसी दिन Option और Future में ट्रेड करते हैं तो आप उसी दिन sell holding का मात्र केवल 60% मार्जिन का ही use कर पायेंगे। लेकिन जो इंट्राडे में मार्जिन चार्ज लिया जाता था, वह अब applicable नहीं होंगे और Brokerage charges same रहेंगे।

derivative segment में buy करना पहले जैसा ही रहेगा लेकिन आपको short selling के लिए ज्यादा amount अपने Demat account में रखना होगा। तभी आप short selling कर पाएंगे।

अंतिम राय –

सेबी का यह New margin rule आम तौर पर बड़े ट्रेडर के लिए ठीक है किन्तु यह retail traders के लिए मुश्किलें खड़ा कर सकता है। क्योंकि एक retail trader के लिए इतना ज्यादा fund जुटा पाना संभव नहीं होता। ऐसे में मार्केट से ज्यादातर Retail ट्रेडर्स गायब हो जायेंगे।

अतः सेबी को 100% margin rule को 33%-50% तक कर देना चाहिए ताकि एक retail trader को भी ट्रेड करने में आसानी हो।

उम्मीद है कि आप New Margin क्या है ? जान गए होंगे लेकिन फिर भी यदि आपको कोई doubts हो तो आप comment कर पूछ सकते सकते है। यदि आप भी हिंदी से प्यार करते है तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

2 COMMENTS

    • Thanks Sucheta Ji ! जहाँ तक हमारी जानकारी के अनुसार सेबी ने 1 सितंबर से पीक मार्जिन के नियमों में बदलाव कर दिया है। जिसके चलते ट्रेडिंग के लिए अपना 100 % मार्जिन अपफ्रंट अपने demat account में रखने की जरूरत होगी। पहले यह सिर्फ 75 फीसदी था।

      यानी शेयर खरीदने या बेचने के लिए 75 फीसदी अपफ्रंट मार्जिन की जरूरत थी। 1 सितंबर से इंट्राडे, डिलीवरी और डेरिवेटिव (Intraday, delivery and derivatives) जैसे सभी सेगमेंट पोजीशन में आपको अपना 100 % मार्जिन की जरूरत होगी।

      चार में से सबसे ज्यादा मार्जिन को पीक मार्जिन माना जाएगा। अगर आपने नहीं रखा तो आपको इसके एवज में पेनाल्टी लगेगी।

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