(Dry Fruits Name And Benefits) “शरीर है तो सब कुछ है” आज के इस युग में निरोगी काया प्राप्त कर पाना हर किसी के नसीब में नहीं होती। लेकिन अगर हम अपने दैनिक जीवन में एक अच्छी दिनचर्या का पालन करें तो हम लंबे समय तक healthy रह सकते हैं।
क्योंकि आज ज्यादातर लोग जीवन तो जीते हैं लेकिन वे अपने खान-पान पर सही ध्यान नहीं देते, जिससे हमारे शरीर में कई प्रकार की बीमारियां जन्म लेती रहती हैं।
हमें लम्बी, दीर्घायु जिंदगी जीने के लिए अपने दैनिक जीवन में कुछ important dry fruits को अपने दैनिक (daily) healthy diet plan में शामिल करना बेहद जरुरी है। इनका सेवन करने से हमारे शरीर में ओज, तेजस अर्थात चमक आती है।
Dry Fruits के सेवन से प्राप्त protein हमारे शरीर में लम्बे समय तक store रहते हैं, जो हमारे शरीर के लिए बेहद जरुरी है।
तो आज हम कुछ ऐसे Healthy food diet plan के बारे में जानेंगे, जो dry fruits की list में अपनी एक अनोखी पहचान बना चुके हैं। जो हमारे शरीर को दीर्घायु रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
हमें एक ओजस्वी शरीर पाने के लिए dry fruits का सेवन जरूर करना चाहिए। क्योंकि यह हमारे शरीर को बलवान, पुष्ट और शक्तिशाली बनाते है। तो आज हम Top 10 Dry Fruits के नाम और उनके Benefits के बारे में जानेंगे, जिससे हम खुद को healthy बना पाए।
मार्केट में आज कई प्रकार के dry fruits उपलब्ध है, जो अपने अलग-अलग गुणों के लिए जाने जाते हैं और आयुर्वेद में अपना एक विशेष महत्व योगदान रखते हैं। तो आईये हम जानते हैं- Top 10 Dry Fruits Names And Benefits In Hindi में।
Top 10 Dry Fruits Name And Benefits In Hindi
- पिस्ता
- बादाम
- अखरोट
- काजू
- किशमिश
- चिलगोजा
- मखाना
- मुनक्का
- अंजीर
- छुहारा
1. पिस्ता
यह स्वादिस्ट, पौष्टिक, सुगंधित, गरम तथा बल और वीर्यवर्धक होता है। इसलिए पिस्ता को सूखे मेवे में उच्च स्थान प्राप्त है। पिस्ता नमक रोस्टेड या बिना नमक रोस्टेड दोनों रूप में market में उपलब्ध होता है। बिना नमक वाला पिस्ता ज्यादा फायदेमंद होता है।
यदि इसे खूब चबा-चबाकर खाया जाए, तो इससे दातो का हिलना बंद हो जाता है और मसूड़े मजबूत हो जाते हैं। इसकी सुगंध से मुँह की गंध दूर हो जाती है और यह रक्त (blood) को शुद्ध करता है। इसके लिए हमें सदैव पिस्ता का सेवन करना चाहिए। यह मस्तिष्क की दुर्बलता तथा पुरुषत्व के लिए अत्यंत लाभदायक है।
पिस्ता से हृदय, आमाशय तथा शरीर बलिष्ठ बनता है। इससे शरीर में बल का संचार होता है। यह यादाश्त की कमजोरी दूर करता है। इसमें सभी पौष्टिक तत्व् विद्यमान है। दूध के साथ लेने से शरीर में नई स्फूर्ति, नवीन उत्साह और शक्ति भर देता है।
2. बादाम
आयुर्वेद की दुनिया में बादाम का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है और इसलिए इसे दिव्य अमृत भी माना जाता है। बादाम प्रोटीन और वसा (fats) से सर्वगुण संपन्न मन जाता है। बादाम फल को तोड़ने पर हमें जो मींगी (गिरी) प्राप्त होती है, उसे ही हम बादाम के नाम से जानते हैं।
बादाम की कई प्रजातियां पायी जाती हैं, जिनमे से कागजी बादाम सर्वोत्तम माना जाता है। लेकिन यह अन्य बादामों की तुलना में अधिक कीमती होता है। यह विशेष रूप से order करने पर ही प्राप्त होता है। इसमें oil की मात्रा सबसे ज्यादा होती है, जिसे हम प्रोटीन, वसा इत्यादि नामों से जानते हैं। यह प्रायः कश्मीर और कैलिफ़ोर्निया की वादियों में पाया जाता है।
अच्छे बादामों की पहचान करने के लिए एक बादाम को अपने दो अँगुलियों से दबाने पर oil की मात्रा प्रचुर मात्रा में दिखाई देती है। हम प्रायः जिन बादामों का इस्तेमाल करते हैं, वे ज्यादातर सूखे बादाम होते हैं अर्थात उनमे oil की मात्रा बहुत कम या न के बराबर होती है।
इनमे Vitamin-A और Vitamin-B साधारण मात्रा में तथा Vitamin-D प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है। इसके अलावा बादाम से अनेक प्रकार के इत्र एवं सौंदर्य प्रसाधन भी बनायें जाते हैं। सूखी खासी, स्मरण शक्ति की कमजोरी, तुतलाकर बोलना एवं मानसिक अवसाद आदि रोगो में बादाम का प्रयोग अत्यंत गुणकारी है।
3. अखरोट
अखरोट को सूखे मेवों (dry fruits) में उत्तम स्थान प्राप्त है। इसका गुण बादाम के समान होता है। यह अधिकतर कफ और पित्तकारक है। इसके वृक्ष पर्वतीय भूमि में सौ फुट से दो सौ फुट की ऊंचाई पर होते हैं। अक्सर यह वृक्ष अपने आप उग आता है।
किन्तु जो अखरोट बोया जाता है, उसके वृक्ष चालीस से साठ फुट की ऊंचाई तक ही पहुँच पाते हैं। जिन फलों के छिलके पतले होते हैं, उन्हें कागजी अखरोट के नाम से जाना जाता है। ये मनुष्य के लिए सर्वाधिक उत्तम होते हैं। अखरोट भी अनेक रोगों में कारगर होते हैं।
अखरोट की संरचना मनुष्य के मस्तिष्क के समान होती है। इसलिए यह दिमाग की कमजोरी और याददास्त को सशक्त बनाता है। प्रकृति ने मनुष्यों पर एक अनुपम कृपा की है। उसने मानव-मस्तिष्क को संतुलित रखने के लिए एक अपर मस्तिष्क की रचना की।
वह मानव-मस्तिष्क की क्षतिपूर्ति करके उसे सशक्त बना सकता है। प्रकृति ने अखरोट फल की रचना में ठीक मानव-मस्तिष्क की तरह अनुकृत की है।
अखरोट में ऐसे तत्व भरे पड़ें हैं, जो मानव-मस्तिष्क को संतुलित एवं सक्षम बनाये रखने में समर्थ है। जिनकी स्मृति (याद-दास्त) दुर्बल है, उनके लिए यह रामबाण से किसी भी प्रकार कम नहीं है। इसमें भरपूर पोषक तत्व निहित हैं।
4. काजू
दक्षिण अफ्रीका को काजू का जन्मभूमि माना गया है। भारत में इसका बीजरोपण सर्वप्रथम गोवा में किया गया था। आज यह भारत के प्रायः सभी प्रांतो में प्रचुर मात्रा में उत्पन्न होता है।
काजू शीत ऋतु में ज्यादा पसंद किया जाता है। इसके ताजा फलों के रस से एक प्रकार की मदिरा बनाई जाती है, जो गोवा में फैनी के नाम से प्रसिद्ध है। इसके फलों के छिलकों से काला, कड़वा एवं अलकतरे जैसा तेल निकाला जाता है। इसकी गिरी और तेल में विटामिन-बी की मात्रा सबसे अधिक होती है, अतः पौष्टिक खाद्य पदार्थों में काजू सर्वश्रेष्ठ है।
इसका प्रोटीन शरीर में शीघ्र पच जाता है। इससे यूरिक एसिड नहीं पैदा होता। काजू स्निग्ध, उष्ण वीर्य, मधुर, वाजीकरण, रक्तशोधक, अत्यंत मूत्रल, ह्रदय एवं नाड़ी दौर्बल्य नाशक तथा स्मृतिवर्धक है।
5. किशमिश
अबीजा अंगूर अपनी प्रजाति में सबसे छोटा होता है, जिसे सुखाकर किशमिश बनाई जाती है। चूँकि यह आकार में छोटा होता है, किन्तु जीवनीय तत्वों की दृष्टि से परिपूर्ण होता है। इसमें दूध के तत्व विद्द्मान होते हैं। दूध के आभाव में पाउडर वाले दूध की अपेक्षा किशमिश अधिक लाभकारी होती है।
यह दूध से भी अधिक सुपाच्य है। जिसे दूध से वायु विकार हो जाता है, उसके लिए किशमिश उपयोगी है। किशमिश से “किशमिश पाक” का निर्माण होता है, जो धातुक्षीणता को दूर करता है। इसकी चाय भी बहुत लाभकारी है। यह शरीर की थकावट दूर करके स्फूर्ति पैदा करती है। किशमिश का सेवन करने से भोजन लुग्दीनुमा सुपाच्य हो जाता है, जिससे शौच साफ आता है।
अगर आधा किलो पानी में पचास ग्राम किशमिश डालकर मंद अग्नि पर पकाया जाए, अर्धावशीष्ट रहते ही मसलकर छान ली जाए तथा अपनी रूचि के अनुसार उसमे नीबू का रस मिला दिया जाए, तो चाय तैयार हो जाती है। जो व्यक्ति आज की विषैली चाय छोड़कर किशमिश की चाय पीते हैं, वे निरोग और स्वस्थ रहकर सुख निद्रा सो सकते हैं।
6. चिलगोजा
Dry Fruits में चिलगोजा सबसे महगा और सर्वाधिक गुणों वाला मेवा है। ठीक उसी प्रकार जैसे आभूषणों में हीरा कीमती होता है। यह स्वाद में मधुर, पौष्टिक और मीठा होता है। इसमें प्रोटीन, वसा (fats) तथा विटामिन अच्छी मात्रा में होते हैं।
यह रक्तवर्धक और शरीर के विकास के लिए परम लाभदायक है। इसकी प्रकृति गरम और तर होती है। यह देर से पचता है, इसलिए भोजन के बाद इसका सेवन करना लाभदायक होता है। चिलगोजे को भोजन से पहले खाने से भूख कम हो जाती है। इसे सदैव थोड़ी मात्रा में खाना चाहिए।
7. मखाना
मखाना अर्थात कमलगटा, यह मुख्य रूप से तालाबों में खिलने वाले कमल के फूल से प्राप्त होता है। इसी कारण इसे कमलगटा कहा जाता है। यह एक प्रकार का बीजफल है। इसकी तासीर ठंडी होती है। यह बहुत ही स्वादिष्ट होता है।
इसे दूध के साथ अथवा घी में तलकर, नमक बुरककर सेवन करना चाहिए। ये अत्यंत शक्तिवर्धक एवं वीर्यवर्धक होते हैं। इसने सेवन से शरीर की गर्मी शांत हो जाती है।
यह फलाहार का एक विशेष अंग होता है। कच्चे मखानों के मगज निकालकर खाये जाते हैं। मखाना मधुर, सुपाच्य, हल्का, पौष्टिक, उत्तेजक, कटु तथा बांझपन, वात-पित्त, रक्त-पित्त और दाहनाशक है।
8. मुनक्का
मुनक्का काकाली और गोस्तनी नामक अंगूरों का सूखा रूप है। यह स्वाद में मीठे तथा शीतल होते हैं। इनसे रक्त और रस का संवर्धन होता है।
मुनक्का का गुण किशमिश से ज्यादा होता है क्योंकि इससे रक्त प्रवाह की वृद्धि होती है। यह ह्रदय के लिए बलवर्धक साबित होता है। मुनक्का शरीर की थकान दूर कर मस्तिष्क को शक्ति देता है और नेत्रों की ज्योति बढ़ाता है।
9. अंजीर
अंजीर का पौधा भारतवर्ष में कुछ विशेष जगहों पर पाया जाता है। अंजीर फल के अंदर मौजूद बीजों का इस्तेमाल हम dry fruits के रूप में करते हैं। अंजीर रक्त को शुद्ध कर उसमे iron, खनिज-लवण की वृद्धि करता है।
10. छुहारा
छुहारा शारीरिक वृद्धि तथा बल के लिए अमृत तुल्य है। इसमें खजूर जैसे पौस्टिक गुण पाए जाते हैं। यह शरीर की दुर्बलता को दूर करने में अत्यंत लाभकारी है।
पौरुष वृद्धि के लिए यह अच्छा उपयोगी होता है। जिन बड़े स्त्री-पुरुषों को पेशाब रोकने से न रूकता हो और उन्हें बार-बार पेशाब के लिए जाना पड़ता हो तो उन्हें छुहारे का प्रतिदिन सेवन करना चाहिए।
इसे खाने से नए रक्त का निर्माण होता है और दुबलापन नष्ट होकर शरीर मोटा-तगड़ा बन जाता है। इसे खाने से शरीर में चर्बी बढ़ती है। खजूर एक बहुत ही important dry fruits है।
Dry Fruits क्या है ?
Dry Fruits, जिन्हें हम सूखे मेवों के नाम से भी जानते हैं। Dry Fruits अर्थात जिन्हे हम धूप में सुखाकर कुछ लम्बे समय तक इन्हे store कर सकते हैं।
Dry fruits में शरीर के लिए उपयोगी Natural तत्व भारी मात्रा में store रहते है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी होते है। Dry Fruits परासरण प्रक्रिया द्वारा तैयार होते हैं।
Dry Fruits हमारे शरीर के लिए क्यों जरुरी है ?
हमें अपने शरीर को ऊर्जावान बनाये रखने के लिए dry fruits का सेवन करना चाहिए। क्योंकि इनके द्वारा प्राप्त प्रोटीन, वसा, खनिज-लवण इत्यादि तत्व लम्बे समय तक हमारे शरीर में store रहते हैं और हमें एक मजबूत प्रतिरक्षक तंत्र (immune capacity) प्रदान करते हैं। सूखे मेवों को हम संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए उपयोग में लाते है।
खान-पान का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है, क्योंकि जैसा हमारा खान-पान होगा, वैसी ही हमारी काया होगी। इसलिए हमें एक स्वस्थ शरीर पाने के लिए हमें dry fruits का सेवन करना अत्यंत आवश्यक है।
हमारे जीवन में Dry Fruits का क्या महत्व है ?
Dry Fruits को हमें अपने healthy diet plan में शामिल करने से हमारे body का immune system अर्थात प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत होता है। जिससे हमारे शरीर में बाहर से attack करने वाले अनावश्यक वायरस से लड़ने में काफी मदद करता है।
Dry Fruits का आयुर्वेद की दुनिया में एक अलग पहचान है। dry fruits औषधियों का काम करती हैं, साथ-साथ हमारे शरीर को ऊर्जावान बनाये रखने में बहुत मदद करती है।
हमें Dry fruits से निरोग बने रहने के लिए भरपूर मात्रा में dry fruits का सेवन करना चाहिए।
आखिर में
आज आपने Top 10 Dry Fruits Name And Benefits के बारे में जाना और Dry Fruit का हमारे जीवन में क्या महत्व है ? तथा Dry Fruits हमारे शरीर के लिए क्यों जरुरी है ? इसलिए हमें अपने दिनचर्या में dry fruits को healthy diet plan में ज़रूर शामिल करना चाहिए।
हमें अपने आप को Healthy बनाये रखने के लिए Dry Fruits का सेवन जरूर करना चाहिए। क्योकि dry fruits हमारे स्वास्थ्य को बनाये रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है।
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