होम लोन क्या है ? (What Is Home Loan In Hindi) – पूरी जानकारी

होम लोन क्या है (What Is Home Loan In Hindi)

आज का लेख – होम लोन क्या है ? (What Is Home Loan In Hindi) में especially उन लोगों के लिए है, जिनके पास पैसे का अभाव है। क्योंकि हर इंसान का सपना होता है कि उसका अपना घर हो, लेकिन पैसों के अभाव से कई लोग अपना घर नहीं खरीद पाते।

हाँ ! वो बात अलग है कि कुछ लोग घर/flat खरीदने, plot या construction/renovation के लिए होम लोन लेते हैं। यहां तक की कई बार होम लोन मकान को बढ़ाने या repair करने के लिए भी लिया जाता है।

तो ऐसे में अगर आप भी उनमें से एक हैं, जो होम लोन के सहारे से अपना सपना पूरा करना चाहते हैं तो यह लेख जरूर पूरा पढ़े। ताकि आपको होम लोन से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त हो सके।

विषय - अनुक्रम

होम लोन क्या है ? (What Is Home Loan In Hindi)

होम लोन वह राशि (amount) है, जो एक व्यक्ति bank या पैसा उधार देने वाली company से हर महीने एक निश्चित होम लोन ब्याज दर पर ईएमआई के साथ चुकाने के लिए उधार लेता है। Home Loan के लिए पैसा उधार देने वाली कंपनी या बैंक द्वारा property सिक्योरिटी के तौर पर ली जाती है।

प्रॉपर्टी commercial या personal हो सकती है। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति बकाया राशि का भुगतान नहीं कर पाता है, तो लेंडर (यानि की बैंक या फिर कंपनी) को property की बिक्री से बकाया लोन राशि को प्राप्त करने कानूनी अधिकार होगा।

होम लोन (Home Loan) को आप आवासीय संपत्ति खरीदने, निर्माण, मरम्मत और उसका विस्तार करने के लिए ले सकते हैं। इसमें लोन का भुगतान होने तक संबंधित संपत्ति को बैंक/लोन संस्थान के पास गिरवी रखा जाता है। 

होम लोन कितने प्रकार के होते हैं ?

बैंक और NBFC (Non-Banking Financial Company) कई प्रकार के होम लोन ऑफर (Home Loan Offer) करते हैं। इसलिए हमेशा अपनी ज़रूरत के अनुसार होम लोन योजना चुनें। होम लोन के प्रकार निम्नलिखित हैं:-

  • Home Purchase Loan: ये सबसे आम होम लोन है, जिसे लोग तैयार घर/फ्लैट खरीदने के लिए लेते हैं। आरबीआई के नियमों के मुताबिक, बैंक/लोन संस्थान खरीदी जा रही property के मूल्य का 75-90% तक लोन दे सकते हैं।
  • Composite Loan: ये लोन उन लोगों के लिए है, जो investment या घर बनाने के लिए एक plot खरीदना चाहते हैं। लोन का पहला हिस्सा plot खरीदने के लिए दिया जाता है और फिर जैसे-जैसे घर बनकर तैयार होता रहता है; वैसे-वैसे लोन की राशि आपको मिलती रहती है।
  • Home Construction Loan: ये होम लोन उन लोगों के लिए है, जिन्हें घर बनाने के लिए पैसों की ज़रूरत है। लोन तभी मिलता है, जब आप एक plot के मालिक हो और उस पर घर बनाना चाहते हैं। Composite Loan की तरह ही, इस लोन में भी जैसे-जैसे घर बनकर तैयार होता रहता है, वैसे-वैसे लोन की राशि आपको मिलती रहती है।
  • Home Renovation/Improvement Loan: इस लोन का उपयोग घर renovate करने और घर की repair के लिए लिया जा सकता है। इस लोन पर लागू ब्याज दर सामान्य होम लोन के समान ही होती है। हालाँकि, इसकी भुगतान अवधि सामान्य होम लोन से कम होती है।
  • Bridge Loan: ये एक short-term होम लोन है, उन लोगों के लिए जो अपना मौजूदा घर बेचकर नया घर खरीदना चाहते हैं। मौजूदा घर बेचकर, नया घर खरीदने के लिए जितने पैसों की कमी हो रही है, उतना लोन आवेदक को दिया जाता है।
  • Home Extension Loan: ये लोन उन लोगों के लिए है, जो अपने घर को बढ़ाना चाहते/या उसमें अतिरिक्त जगह जोड़ना चाहते हैं। इस लोन के अंतर्गत, बैंक आमतौर पर construction की लागत का 75-90% तक लोन देते हैं।
  • Interest Saver Loan: ये होम लोन ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी (Home Loan Overdraft facility) के समान है। इसमें उधारकर्ता का होम लोन अकाउंट उसके बैंक अकाउंट से लिंक होता है। आप जब भी अपने बैंक अकाउंट में EMI से ज़्यादा पैसे जमा करते हैं, तो उन अतिरिक्त पैसों को लोन की pre-payment के रूप में उपयोग किया जाता है, जिससे ब्याज की बचत होती है।
  • Step-up Loan: इस लोन में उधारकर्ता शुरूआती भुगतान अवधि में कम EMI जमा करता है। हालाँकि, इसमें समय के साथ EMI राशि बढ़ती जाती है। इस तरह ये लोन उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है, जिन्होंने हाल ही में अपना करियर शुरू किया है।     

होम लोन क्यों लेना चाहिए ? (Why Should Be Take Home Loan)

होम लोन लेने से वास्तव में आपको कई प्रकार की सुविधा मिलती है, जैसे कि –

  • निवेश के लिहाज से संपत्ति खरीदना
  • इनकम टैक्स में बचत
  • रहने में सुविधा

अगर आप होम लोन लेकर अपना घर खरीदते हैं तो समय के साथ आपके घर की कीमत में इजाफा होता रहता है। यह वास्तव में निवेश का एक तरीका भी है। संपत्ति की कीमत बढ़ने की रफ्तार हालांकि उस इलाके की connectivity, मांग-आपूर्ति की स्थिति और रहने वाले लोगों की आमदनी के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है।

होम लोन की मासिक किस्त के रूप में चुकाई जाने वाली रकम में मूलधन और ब्याज दोनों ही होता है। अगर आप मूलधन के हिसाब से सोचें तो इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C के तहत आप साल भर में 1.5 लाख रुपये के भुगतान पर आयकर में राहत पा सकते हैं।

इसके साथ ही आपने होम लोन की किस्त में ब्याज के रूप में जो रकम चुकाई है, उसके लिए साल में दो लाख रुपये तक की रकम पर अलग से income tax में छूट मिलती है।

अगर आप अपने घर में रहते हैं तो नौकरी या कारोबार, किसी भी लिहाज से आप home shifting के झंझट से मुक्त रहकर अपने काम पर पूरा ध्यान दे सकते हैं।

होम लोन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents)

होम लोन एप्लिकेशन फॉर्म (Home Loan Application Form) के साथ आपको कुछ ज़रूरी दस्तावेज भी देने होते हैं। ये दस्तावेज़ आमतौर पर सभी बैंक और लोन संस्थाओं के लिए समान होते हैं।

हालाँकि, विशिष्ट लोन योजनाओं, लोन के उद्देश्य और आवेदक की credit profile के आधार पर कुछ दस्तावेज घट या बढ़ सकते हैं। होम लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ (Home Loan Documents) की जानकारी नीचे दी गई हैं:

  • होम लोन एप्लीकेशन फॉर्म
  • पासपोर्ट साइज़ फोटो
  • पहचान का प्रमाण: पैन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस (किसी एक की फोटोकॉपी)
  • आयु का प्रमाण: आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, 10 वीं कक्षा की मार्कशीट, बैंक पासबुक और ड्राइविंग लाइसेंस (किसी एक की कॉपी )
  • निवास का प्रमाण: बैंक पासबुक, वोटर आईडी, राशन कार्ड, पासपोर्ट, यूटिलिटी बिल (टेलीफोन बिल, बिजली बिल, पानी का बिल, गैस बिल और LIC पॉलिसी स्लिप (किसी एक की कॉपी)
  • आय प्रमाण (नौक्रिपेशन के लिए)– फॉर्म 16 की कॉपी, नया भुगतान, पिछले 3 वर्षों के आईटी रिटर्न (ITR) और निवेश प्रमाण (यदि कोई हो)
  • आय का प्रमाण (स्व–नियोजित के लिए): पिछले 3 वर्षों का इनकम टैक्स रिटर्न, बैलेंस शीट और कंपनी के लाभ और हानि की जानकारी/फर्म, बिज़नेस लाइसेंस और बिज़नेस के पते का प्रमाण
  • प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज़: सोसायटी/बिल्डर से NOC, निर्माण में होने वाले खर्च का विस्तृत अनुमान, रजिस्टर्ड सेल एग्रीमेंट , अलॉटमेंट लैटर और बिल्डिंग प्लान को मंज़ूरी की कॉपी

Note: उपरोक्त Home Loan Documents List सिर्फ सांकेतिक है, आपको लोन देने वाला संस्थान अतिरिक्त दस्तावेज़ भी मांग सकता है।

होम लोन (Home Loan) लेने के लिए अपनी योग्यता कैसे बढ़ाए ?

होम लोन आवेदक नीचे दिए गए तरीकों को अपनाकर अपनी योग्यता बढ़ा सकते हैं:-

  • Credit Score सुधारें: अच्छा credit score आपकी loan application स्वीकार होने की संभावना के साथ-साथ कम ब्याज दरों पर लोन मिलने की संभावना भी बढ़ा देता है। अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारने के लिए EMI और क्रेडिट कार्ड बिल का समय पर भुगतान करें। क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो 40% से कम रखें।
  • ज़्यादा Down-Payment दें: बैंक खरीदे जा रही property के मूल्य के 75% से 90% तक लोन देते हैं। इसका मतलब है कि बाकी 10% से 25% तक का इंतेज़ाम उधारकर्ता को खुद down payment के रूप में करना होगा। इसलिए डाउन पेमेंट जितनी ज़्यादा हो सके उतनी ज़्यादा देने की कोशिश करें। इससे आपको बैंक से कम लोन राशि लेनी होगी व बैंक का जोखिम घट जाएगा और आपकी लोन योग्यता बढ़ जाएगी।
  • Co-Borrower साथ में जोड़ें: अपनी loan application में ऐसा co-borrower जोड़ें जो कमाता हो, जिसका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो। इससे आपकी योग्यता लोन के लिए बढ़ जाएगी। Joint होम लोन लेने से आपको ज़्यादा राशि कम ब्याज दरों पर मिल सकती है।

होम लोन से जुड़े संबंधित सवाल (Related Question About Home Loan In Hindi)

होम लोन का नियम क्या है ?

होम लोन की योग्यता शर्तें लोन देने वाली संस्थाओं और लोन योजनाओं में भिन्न होती है। हालाँकि, कुछ सामान्य होम लोन योग्यता शर्तों निम्नलिखित हैं:

  • राष्ट्रीयता: आवेदक को भारतीय निवासी, अनिवासी भारतीय (NRI) और भारतीय मूल का व्यक्ति (PIO) होना चाहिए
  • क्रेडिट स्कोर: 750 या उससे अधिक
  • आयु सीमा: 18–70 वर्ष
  • कार्य अनुभव: कम से कम 2 वर्ष (नौकरीपेशा के लिए)
  • बिज़नेस कितना पुराना है: कम से कम 3 वर्ष (स्वरोजगार के लिए)
  • न्यूनतम वेतन: कम से कम 25,000 रुपये प्रति माह (ये सीमा लोन संस्थानों में अलग अलग होती है)
  • लोन राशि: संपत्ति के मूल्य का 90% तक

इनके अलावा, होम लोन योग्यता शर्तें इस पर भी निर्भर करती हैं कि आप किस प्रकार की property खरीद रहे हैं और कहाँ खरीद रहे हैं।

होम लोन लेने के लिए कितना credit score होना चाहिए ?

बैंक व लोन संस्थान 750 या ज़्यादा क्रेडिट स्कोर को अच्छा मानते हैं। 800 से ज़्यादा क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों (Applicants) को कम ब्याज दरों पर होम लोन मिलने की संभावना होती है। आपका स्कोर जितना ज़्यादा होगा लोन एप्लीकेशन स्वीकार होने की संभावना भी उतनी ही ज़्यादा होगी।   

भारत में कम ब्याज दरों पर होम लोन देने वाले बैंक/NBFC

होम लोन में राशि आमतौर पर ज़्यादा ही होती है और भुगतान अवधि भी लम्बी होती है। अत: ब्याज दरों में थोड़ा-बहुँत फरक भी लोन की कुल लागत में भारी अंतर पैदा कर सकता है।

इसलिए हमेशा वही होम लोन चुनें, जिसमें ब्याज दरें सबसे कम हों। भारत में सबसे कम ब्याज दरों पर होम लोन देने वाले बैंकों की लिस्ट नीचे दी गई है:

बैंक/ NBFCन्यूनतम ब्याज दरेंEMI/लाख**
Kotak Mahindra Bank6.50%641
Punjab & Sindh Bank6.65%641
SBI6.70%646
HDFC 6.75%649
ICICI 6.75%649
Bajaj Finserve6.75%649
Bank Of Baroda6.75%649
Punjab National Bank6.75%649
Union Bank Of India6.80%652
Central Bank Of India6.85%655

आप कितना लोन ले सकते हैं ?

होम लोन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले आप इस बात का खुद आकलन करें कि आप की कमाई कितनी है। क्योंकि कोई कोई भी बैंक उसी से decide करेगा कि आप कितना loan लेने लायक eligible यानी की योग्य हैं।

आपकी home loan लेने की क्षमता उसे चुकाने की capacity पर निर्भर करती है। यह आपकी मासिक कमाई, खर्च और परिजनों की कमाई, संपत्ति, देनदारी, आय में स्थिरता जैसे मसलों पर depend करती है।

बैंक सबसे पहले यह देखते हैं कि आप समय पर होम लोन चुका पाएंगे या नहीं। हर महीने आपके हाथ में जितनी अधिक रकम आएगी, आपके होम लोन की राशि उतनी बढ़ती जाएगी। आमतौर पर कोई बैंक या कर्ज देने वाली कंपनी यह देखती है आप मासिक आमदनी का 50 % होम लोन की किस्त के रूप में दे पाएंगे या नहीं।

होम लोन की अवधि और ब्याज दर पर भी loan amount निर्भर करता है। इसके अलावा बैंक होम लोन के लिए उम्र की ऊपरी सीमा भी fix कर चलते हैं।

होम लोन में को-बोरोवर (Co-borrower Home Loan) कौन-बन सकता है ?

आपके परिवार का कोई भी सदस्य जैसे पिता, माँ, आदि आपके साथ होम लोन में को-बोरोवर बन सकते हैं। इनके अलावा, आप अपने पति-पत्नी या बच्चों को भी को-बोरोवर बना सकते हैं। भारत में लागू नियमों के मुताबिक आपका दोस्त होम लोन को-बोरोवर नहीं बन सकता है, क्योंकि उसका आपके साथ खून का रिश्ता नहीं है।

आप अधिक से अधिक कितना होम लोन ले सकते हैं ?

  • किसी मकान या flat की कीमत का 10-20 फीसदी तक down payment करना पड़ता है। यह आपका अपना योगदान होता है।
  • इसके बाद property की value का 80-90 फीसदी तक लोन मिल जाता है। इसमें registration, transfer और stamp duty जैसे charge भी शामिल होते हैं।
  • अगर कर्ज देने वाला संस्थान आपको ज्यादा रकम होम लोन के रूप में approve कर दे तब भी जरुरी नहीं कि आप सारी रकम लोन के रूप में ले लें।
  • Property खरीदते वक्त आपको अधिक से अधिक down payment करना चाहिए, जिससे लोन का बोझ कम से कम रहे। होम लोन पर कर्ज देने वाला बैंक लंबी अवधि में आपसे काफी ब्याज वसूलता है, इसका जरूर ध्यान रखें।

एक होम लोन में कितने को-बोरोवर (Co-Borrower) हो सकते हैं ?

वर्तमान में, मुख्य आवेदक के साथ 7 लोग एक होम लोन में को-बोरोवर बन सकते हैं। हालाँकि, वो सभी मुख्य आवेदक के रिश्तेदार या परिवार के सदस्य होने चाहिए।

होम लोन लेने की पात्रता (Eligibility) किस तरह निर्धारित की जाती है ?

  • किसी व्‍यक्ति को उसकी प्रति माह की कुल आय का 60 गुना लोन मिल सकता है।
  • अगर आपने कोई दूसरा लोन (कार या पर्सनल लोन आदि) लिया है, जो चालू है तो लोन देने वाला बैंक उसकी मासिक किस्त आपकी आमदनी से घटाने के बाद होम लोन की रकम पर विचार करेगा।
  • अगर आप होम लोन लेना चाहते हैं और आपका credit score सही नहीं है या आपके पिछले किसी लोन/उधार के भुगतान में चूक हुई है तो बैंक लोन देने से मना कर सकता है।

क्या होम लोन के लिए को Applicant जरूरी है ?

हाँ, अधिकतर केस में को-एप्लिकेंट जरुरी है। अगर property दो लोगों के नाम से है तो उस मामले में होम लोन में भी दोनों का शामिल होना जरुरी है। अगर आप प्रॉपर्टी के मालिक हैं तो आपके परिवार का कोई भी व्यक्ति को applicant हो सकता है।

होम लोन के दौरान लगने वाली फीस और शुल्क

होम लोन आवेदक (Home Loan Applicant) लोन लेते समय केवल ब्याज दरों पर ध्यान देते हैं और अन्य फीस व शुल्क की अंदेखी करते हैं, जबकि ये शुल्क लोन की लागत को काफी प्रभावित कर सकते हैं।

ब्याज राशि के अलावा कई अन्य शुल्क और फीस हैं, जो बैंक और लोन संस्थान आपसे होम लोन के लिए आवेदन करने के समय ले सकते हैं। होम लोन फीस व शुल्क (Home Loan Fees & Charges) की जानकारी नीचे दी गई है:

Application Fees:  यह उन सभी शुरूआती खर्चों को cover करने के लिए बैंकों या अन्य लोन संस्थानों द्वारा ली जाती है, जो verification को पूरा करने के लिए किये जाते हैं।

Processing Fees: यह क्रेडिट मूल्यांकन पर किये गए खर्च के लिए होती है और लोन लेने वाले व्यक्तियों की क्रेडिट प्रोफाइल, आय और होम लोन योजना (Home Loan Schemes) पर निर्भर करती है। हालांकि, सभी बैंक और अन्य आर्थिक संस्थान प्रोसेसिंग फीस नहीं लेते हैं।

Administrative Fees: यह उन लोन संस्थानों द्वारा वसूला जाता है, जो प्रोसेसिंग फीस को दो भागों में विभाजित करते हैं। लोन के approval के बाद लगाया गया हिस्सा एडमिनिस्ट्रेटिव फीस के रूप में जाना जाता है।

For-Closure Fees: यह फीस तब देनी होती है जब कोई होम लोन (Home Loan Offer) का भुगतान उसकी तय अवधि से पहले करता है। पहले बैंक या NBFC होम लोन पर प्री-पेमेंट पैनल्टी और फोरक्लोज़र फीस लेते थे, लेकिन RBI ने बैंक या NBFC को फ्लोटिंग रेट होम लोन पर प्री-पेमेंट पैनल्टी लगाने से रोक दिया है। जहां तक फिक्स्ड रेट होम लोन का सवाल है, कुछ बैंक इस पर ये फीस लगाते हैं।

भुगतान प्रकार को बदलने पर लगने वाला शुल्क: यह शुल्क तब लगाया जाता है, जब लोन लेने वाले व्यक्ति लोन अवधि के दौरान अपने मौजूदा भुगतान के तरीके को बदलने का निवेदन करते हैं। यह शुल्क आमतौर पर 500 रु. तक होता है। यह विभिन्न बैंक और अन्य लोन संस्थाओं में अलग-अलग होता है।

ब्याज दर को कम या बदलने पर शुल्क: यह शुल्क लोन लेने वाले व्यक्ति पर तब लगाया जाता है, जब वह अपने बैंक से विभिन्न कारणों से उनकी मौजूदा ब्याज दरों को बदलने या कम करने का अनुरोध करते हैं। यह शुल्क विभिन्न बैंकों में अलग-अलग वसूला जाता है और आमतौर पर बकाया मूल राशि का 2% तक होता है।

CERSAI शुल्क: CERSAI (केंद्रीय रजिस्ट्री ऑफ सिक्यूरिटीज एसेट रिकंस्ट्रक्शन एंड सिक्योरिटी इंटरेस्ट) भारत की केंद्रीय ऑनलाइन सुरक्षा ब्याज रजिस्ट्री है। 

CERSAI की वेबसाइट पर जाकर बैंक और NBFC गिरवी रखी गई propery की जांच करते हैं कि किसी अन्य बैंक द्वारा प्रॉपर्टी पर claim तो नहीं किया गया है। इस प्रक्रिया के लिए बैंक एक मामूली शुल्क का भुगतान करते हैं, जिसे वे बाद में लोन लेने वाले व्यक्ति से वसूलते हैं।

EMI पर अतिरिक्त शुल्क: जब लोन लेने वाला व्यक्ति EMI का भुगतान नहीं कर पाता है या EMI का भुगतान देरी से करता है, तो बकाया EMI पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाता है। इसलिए समय पर EMI का भुगतान करना चाहिए।

EMI Bounce Fees: जब आप अपने बैंक अकाउंट में अपर्याप्त धनराशि के कारण समय पर लोन भुगतान करने में विफल रहते हैं तो EMI Bounce Fees वसूली जाती है। बाउंस होने पर बैंक आमतौर पर 500 रु. फीस लेते है। यह फीस विभिन्न बैंकों में अलग-अलग होती है।

Legal Fees: यह शुल्क सामान्य तौर पर processing fees में शामिल होता है, लेकिन कुछ बैंक इसे अलग से भी लेते हैं, जब वे उधारकर्ताओं के कानूनी दस्तावेजों की जांच के लिए legal form की मदद लेते हैं।

Franking Fees:  इसे आमतौर पर stamp fees के रूप में परिभाषित किया जाता है। जब भी कोई संपत्ति खरीदे-बेचीं जाती है, तो बिक्री के मूल्य पर राज्य सरकार द्वारा ये फीस ली जाती है। यह राशि एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न होती है और राज्य के कानूनों पर निर्भर करती है।

होम लोन एप्लीकेशन नामंज़ूर होने का क्या कारण होते हैं ?

होम लोन एप्लीकेशन नामंज़ूर होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:

  • कम क्रेडिट स्कोर
  • क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी
  • लगातार अन्य बैंकों द्वारा लोन एप्लीकेशन अस्वीकार करना
  • अस्थिर या कम आय
  • उम्र
  • प्रॉपर्टी की लोकेशन

होम लोन मंजूर होना और जारी होना क्या है ?

  • आपके द्वारा दिए गए documents के हिसाब से बैंक आपको लोन देने या नहीं देने का फैसला करते हैं। होम लोन की रकम भी इसी पर निर्भर करती है।
  • अगर बैंक ने आपका आवेदन स्वीकार कर लिया और उस हिसाब से होम लोन देने का फैसला कर लिया तो Sanction Letter में होम लोन की रकम, अवधि और ब्याज दरों आदि के बारे में जानकारी होती है। इसमें ही लोन की शर्त के बारे में जानकारी होती है।
  • जब वास्तव में आपके हाथ में लोन की रकम आ जाती है तो इसे disturbance कहते हैं। यह दरअसल तकनीकी, कानूनी और valuation संबंधी प्रक्रिया पूरी होने के बाद होता है।
  • सैंक्शन लेटर में जो अमाउंट है, आप उससे कम लोन लेने का फैसला कर सकते हैं। लोन पाते समय आपको allotment letter, title deed की फोटोकॉपी, sale agreement और encumbrance letter देना पड़ता है।
  • आपके हाथ में जिस दिन लोन की रकम आई, उस दिन से ही उस पर ब्याज लगता है।

होम लोन की रकम आपके हाथ में किस तरह आएगी ?

होम लोन एकमुश्त या किस्त में आपको दी जाती है। इसमें अधिक से अधिक तीन किस्त हो सकती है। Under Construction Property के मामले में लोन की रकम construction की प्रगति के हिसाब से दी जाती है।

इस तरह की property के मामले में आप कर्ज देने वाले बैंक से यह agreement कर सकते हैं, जहां कंस्ट्रक्शन के हिसाब से होम लोन की राशि builder को दी जाएगी। रेडी टू मूव प्रॉपर्टी के मामले में लोन की रकम एकमुश्त मिल सकती है।

होम लोन पर ब्याज दरों के क्या विकल्प हैं ?

होम लोन पर ब्याज दरें fixed या flexible हो सकती है। फिक्स्ड में ब्याज दरें पहले ही तय हो जाती हैं और फ्लेक्सिबल में यह बदलती रहती है।

होम लोन की मासिक किस्त क्या है ?

हर महीने आप बैंक को जो रकम चुकाते हैं, उसमें ब्याज और मूलधन दोनों होता है, इसे ही EMI (Equal Monthly Installment) कहा जाता है।

होम लोन re-pay कैसे किया जा सकता है ?

बैंक को होम लोन चुकाने के कई तरीके हैं। लोन की बकाया रकम बैंक को ECS (Electronic Clearance System) से चुकाई जा सकती है। आप अपने नियोक्ता से यह रकम वेतन से काटकर सीधे बैंक को चुकाने को कह सकते हैं या सैलरी एकाउंट से post dated चेक दे सकते हैं।

क्या समय से पहले आप होम लोन बंद कर सकते हैं ?

आपने जिस अवधि के लिए होम लोन लिया है, उससे पहले भी इसे बंद कर सकते हैं। अगर आप plotting interest rate में हैं तो इसके लिए कोई charge नहीं लिया जाता, जबकि fixed rate में बैंक चार्ज लगा सकते हैं।

होम लोन का पार्ट partial payment क्या है ?

नियमित किस्त के अलावा जब आप कोई रकम होम लोन अकाउंट में जमा करते हैं तो यह partial payment होता है। यह आपके पूंजी की रकम को घटा देता है, जिससे आपकी किस्त की रकम में ब्याज का कंपोनेंट कम हो जाता है।

इससे आपके होम लोन की अवधि घट सकती है और वास्तव में आप ब्याज के रूप में चुकाई जाने वाली रकम बचाते हैं।

क्या हर साल चुकाए गए किस्त के लिए बैंक दस्तावेज (documents) जारी करते हैं ?

हर साल बैंक आपको इस तरह document भेजते हैं, जिससे आपको होम लोन के बारे में जानने में मदद मिलती है। बहुत से बैंक इसे online download करने की facility भी देते हैं।

क्या होम लोन के लिए इंश्योरेंस (insurance) लेना चाहिए ?

यह हमेशा बेहतर है कि आप इस होम लोन के जोखिम को कवर करें। किसी वजह से आपके नहीं रहने की हालत में यह आपके परिवार के लिए बड़ी राहत हो सकती है।

आप इसके लिए Pure Term Plan ले सकते हैं या Mortage Insurance Plan ले सकते हैं। इस तरह के plan में single और रेगुलर प्रीमियम दोनों विकल्प मौजूद होते हैं। हमारी

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